जापान ने फिलिस्तीन को स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देने से फ़िलहाल इंकार कर दिया है। जापानी अख़बार आसाही की एक रिपोर्ट के अनुसार, टोक्यो सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि अमेरिका से उसके गहरे रणनीतिक और कूटनीतिक संबंध इस निर्णय में एक प्रमुख कारक हैं।
जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर "व्यापक मूल्यांकन" कर रही है, जिसमें सही समय और उचित तरीकों पर विचार शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि जापान पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन जारी रखेगा। हालांकि, उन्होंने यह दोहराया कि फिलहाल फिलिस्तीन को मान्यता देने का कदम जापान के लिए संभव नहीं है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जापान का यह रुख पूरी तरह उसके अमेरिका से रिश्तों से प्रभावित है। अमेरिका लंबे समय से फिलिस्तीन को स्वतंत्र राज्य का दर्जा देने का विरोध करता आया है और जापान, जो एशिया में अमेरिका का महत्वपूर्ण सहयोगी है, उसके हितों को ध्यान में रखते हुए चल रहा है।
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फिलिस्तीन मुद्दे पर जापान ने हमेशा मानवीय सहायता और आर्थिक सहयोग की नीति अपनाई है। जापान ने फिलिस्तीनी लोगों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान दिया है। लेकिन राजनीतिक स्तर पर वह अभी भी सावधानी बरत रहा है।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देश फिलिस्तीन को मान्यता देने के पक्ष में आगे बढ़ चुके हैं। यूरोप और अरब जगत के कई देशों ने पहले ही फिलिस्तीन को स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी है। ऐसे में जापान का यह निर्णय वैश्विक राजनीति में संतुलन साधने की उसकी कोशिश को दर्शाता है।
विश्लेषकों का मानना है कि भविष्य में हालात बदलने पर जापान अपने रुख पर पुनर्विचार कर सकता है।
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