दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा AQI को “तापमान जैसा” बताने वाले बयान ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कड़ी प्रतिक्रिया देने पर मजबूर कर दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर केजरीवाल ने लिखा कि मुख्यमंत्री का बयान स्पष्ट करता है कि सरकार प्रदूषण के वास्तविक आंकड़ों को “छिपाने” का प्रयास कर रही है। उन्होंने तंज करते हुए पूछा, “यह नया विज्ञान कब आ गया कि AQI अब तापमान हो गया?”
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि जहां-जहां AQI मॉनिटर लगाए गए हैं, वहां पानी का छिड़काव किया जा रहा है ताकि प्रदूषण के सच्चे स्तर जनता तक न पहुंच सकें। उनके अनुसार, यह “स्वच्छ हवा” दिखाने का खेल है।
एक इंटरव्यू में रेखा गुप्ता से पूछा गया था कि क्या प्रदूषण डेटा को प्रभावित करने के लिए एयर मॉनिटर्स पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हॉटस्पॉट वही होता है जहां प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है। समाधान है—वहां पानी छिड़कना, मिट्टी सुधारना। इसलिए वहीं स्प्रे होगा।” उन्होंने आगे कहा, “AQI मॉनिटर से कम नहीं होता। AQI तापमान जैसा है, जिसे किसी भी उपकरण से जाना जा सकता है। पानी छिड़कना ही समाधान है।”
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सरकार के AQI आंकड़े वास्तविक प्रदूषण से मेल नहीं खा रहे हैं, इसी पर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। आप का आरोप है कि सरकार नकली आंकड़े पेश कर रही है, जबकि बीजेपी इसे खारिज कर रही है। मुख्यमंत्री ने दिल्ली की सर्दियों के प्रदूषण को “विरासत में मिली समस्या” बताया।
सरकार ने नौ प्रमुख प्रदूषण हॉटस्पॉट्स पर 305 मिस्ट स्प्रेयर लगाने की योजना की घोषणा की है। आप नेताओं—सौरभ भारद्वाज और प्रिया कक्कड़—ने आरोप लगाया कि बीजेपी AQI मॉनिटर्स पर पानी का छिड़काव करवाकर डेटा में हेराफेरी कर रही है।
हर साल दीपावली के बाद दिल्ली जहरीली हवा की चादर में लिपट जाती है। इस वर्ष प्रदूषण देर से बढ़ा, लेकिन पिछले दो हफ्तों में हवा “खराब” से “बहुत खराब” श्रेणी में बनी हुई है। CPCB के अनुसार, AQI 0–50 “अच्छा” और 401–500 “गंभीर” माना जाता है।
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