बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में मंगलवार को 3.7 करोड़ से अधिक मतदाता 122 सीटों पर 1,302 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला करेंगे। इनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के आधा दर्जन से अधिक मंत्री भी शामिल हैं, जिनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा इस चरण के परिणामों पर निर्भर करेगी।
यह चरण सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी इंडिया गठबंधन दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दौर में विभिन्न जातीय और सामुदायिक समीकरणों की जटिलता के बीच दोनों ही गठबंधन अपने जनाधार को बनाए रखने के प्रयास में हैं।
मतदान 11 नवम्बर को पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज सहित कई सीमावर्ती जिलों में होगा। ये सभी जिले नेपाल की सीमा से सटे हुए हैं, जिससे इस क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक महत्व और बढ़ जाता है।
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राज्य चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है। मतदाताओं में इस बार युवाओं और प्रथम बार वोट डालने वालों की संख्या उल्लेखनीय है, जिससे मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
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