बिहार के दरभंगा जिले के अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक मिश्री लाल यादव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे की घोषणा उन्होंने शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की।
मिश्री लाल यादव ने कहा कि पार्टी के साथ उनका अनुभव और दलित समाज के प्रति पार्टी की नीतियां उन्हें असंतुष्ट और हतोत्साहित कर रही थीं। उन्होंने सीधे तौर पर पार्टी को ‘एंटी-दलित’ करार दिया और कहा कि ऐसे माहौल में वे पार्टी के साथ काम जारी नहीं रख सकते।
उन्होंने बताया कि वे अपना त्यागपत्र बीजेपी के राज्य अध्यक्ष दिलीप जैसवाल को सौंपेंगे। यादव ने इस मौके पर यह भी कहा कि उनका यह कदम केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह दलित समाज के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए जरूरी था।
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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मिश्री लाल यादव का यह कदम राजनीतिक चेतावनी की तरह है, जो बीजेपी के दलित समर्थन को प्रभावित कर सकता है। अलीनगर विधानसभा क्षेत्र में यादव का प्रभाव व्यापक माना जाता है, और उनके इस्तीफे से स्थानीय राजनीति में हलचल मच सकती है।
बीजेपी की ओर से अभी इस इस्तीफे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। वहीं, यादव ने यह स्पष्ट किया कि वे अब समाज के कमजोर वर्गों के हितों के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे और दलितों के अधिकारों की लड़ाई में अपने संघर्ष को जारी रखेंगे।
मिश्री लाल यादव के इस कदम से बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं, खासकर दलित वोट बैंक को लेकर आगामी चुनावों में यह महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।
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