भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर मस्जिद में ‘राजनीतिक बैठक’ करने का आरोप लगाया है। यह विवाद तब सामने आया जब बीजेपी नेताओं ने एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की, जिसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव, उनकी पत्नी और सांसद डिंपल यादव, पार्टी सांसद मोहिबुल्ला नदवी — जो मस्जिद के इमाम भी हैं — तथा अन्य लोग मस्जिद के अंदर बैठे नजर आ रहे हैं।
बीजेपी नेताओं ने इस तस्वीर को लेकर कहा कि सपा ने आचार संहिता और धार्मिक स्थलों की गरिमा का उल्लंघन करते हुए राजनीतिक उद्देश्य से धार्मिक स्थल का इस्तेमाल किया है। उनका कहना है कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान के खिलाफ है। बीजेपी ने चुनाव आयोग से इस मामले में संज्ञान लेने और उचित कार्रवाई की मांग की है।
हालांकि, समाजवादी पार्टी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह किसी तरह की राजनीतिक बैठक नहीं थी, बल्कि एक धार्मिक और सामाजिक मुलाकात थी। सपा प्रवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यह भेंट पारंपरिक शिष्टाचार और धार्मिक सौहार्द्र के तहत हुई थी, जिसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है।
सपा ने बीजेपी पर चुनावी माहौल में ध्रुवीकरण फैलाने और मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि भाजपा इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है।
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं और राजनीतिक दल एक-दूसरे पर तीखे आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं।