कांग्रेस पार्टी में वरिष्ठ नेता शशि थरूर को लेकर असंतोष तेजी से बढ़ता जा रहा है, विशेषकर केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के कुछ वरिष्ठ नेताओं के बीच। हाल ही में पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के. मुरलीधरन ने स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता अब शशि थरूर का बहिष्कार करेंगे और उन्हें पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में निमंत्रण नहीं दिया जाएगा।
मुरलीधरन ने आरोप लगाया कि शशि थरूर पार्टी लाइन से अलग बयानबाज़ी कर रहे हैं और कांग्रेस के मूल सिद्धांतों से भटक रहे हैं। उन्होंने कहा, "थरूर हमारे जैसे नहीं हैं। वह पार्टी के निर्णयों का पालन नहीं करते और व्यक्तिगत एजेंडे पर चलते हैं।"
यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब थरूर की हालिया गतिविधियों—जैसे विपक्षी दलों की खुलकर आलोचना न करना या सरकार के कुछ कदमों की सराहना करना—को लेकर कई कांग्रेस नेताओं में असंतोष है। खासकर तिरुवनंतपुरम, जहां से थरूर सांसद हैं, वहां के स्थानीय नेताओं का मानना है कि उनका रुख पार्टी को कमजोर कर रहा है।
कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि थरूर की लोकप्रियता और "बाहरी छवि" कांग्रेस के अंदर विभाजन और भ्रम पैदा कर रही है। अब यह साफ होता जा रहा है कि पार्टी के भीतर थरूर को लेकर असहिष्णुता बढ़ती जा रही है, और यदि स्थिति नहीं बदली, तो इससे कांग्रेस को केरल में राजनीतिक नुकसान हो सकता है।
यह घटनाक्रम कांग्रेस के लिए आगामी लोकसभा चुनावों से पहले एक आंतरिक चुनौती बनकर उभर सकता है।