कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहा नेतृत्व विवाद हर दिन नए मोड़ ले रहा है। इस बीच उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, जो लंबे समय से शीर्ष पद की दावेदारी कर रहे हैं, ने गुरुवार (27 नवंबर 2025) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक संकेतभरा संदेश पोस्ट किया। उन्होंने लिखा — “Word power is world power” (वचन की शक्ति ही विश्व की शक्ति है)।
उनका संदेश मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और दिल्ली में बैठे पार्टी नेतृत्व की ओर इशारा माना जा रहा है। शिवकुमार लगातार यह याद दिला रहे हैं कि 2023 में सरकार बनने के समय एक “पावर-शेयरिंग समझौता” हुआ था, जिसका पालन होना चाहिए।
अपने पोस्ट में उन्होंने कहा, “अपना वचन निभाना दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है। चाहे जज हो, राष्ट्रपति, या मैं स्वयं — सभी को अपने शब्दों पर कायम रहना चाहिए।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब शिवकुमार ने मंगलवार (25 नवंबर) को पहली बार सार्वजनिक रूप से कांग्रेस के भीतर “पावर-शेयरिंग पैक्ट” का सीधा उल्लेख किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि यह समझौता केवल 5-6 लोगों के बीच का “राज़” है जिसे वह सार्वजनिक नहीं करेंगे।
इसके बाद शिवकुमार ने मुख्यमंत्री के करीबी मंत्रियों और विधायकों से मुलाकातें शुरू कर दी हैं। वे मंत्री बी. ज़ेड. ज़मीर अहमद, सतीश जकिहोली, के.जे. जॉर्ज सहित कई विधायकों से मिले, जिन्हें सिद्धारमैया के करीबी माना जाता है।
सूत्रों के अनुसार, शिवकुमार ने इन नेताओं से कहा है कि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें “अच्छी तरह देखा जाएगा” और समर्थन मांगा है।
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नेतृत्व विवाद लंबा खिंचने से सरकार की छवि पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान — जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी शामिल हैं — आने वाले दिनों में दोनों नेताओं से बातचीत कर विवाद को सौहार्दपूर्वक सुलझाने की कोशिश करेंगे।
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