मराठा आरक्षण की मांग को लेकर पांच दिन से अनशन पर बैठे प्रमुख कार्यकर्ता ने राज्य सरकार से आश्वासन मिलने के बाद अपना अनशन समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा, "हम जीत गए हैं।"
जानकारी के अनुसार, कार्यकर्ता और राज्य सरकार के बीच देर रात तक चली वार्ता के बाद सहमति बनी। सरकार ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण से जुड़ी मांगों को लेकर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया। साथ ही यह भी कहा गया कि समुदाय के लिए विधायी और प्रशासनिक स्तर पर आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे।
कार्यकर्ता ने अनशन समाप्त करते हुए कहा कि यह आंदोलन मराठा समाज के अधिकारों के लिए था और सरकार की ओर से ठोस पहल के बाद इसे स्थगित किया जा रहा है। उन्होंने अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण ढंग से आगे की रणनीति तय करने का आह्वान किया।
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पांच दिनों तक चले इस अनशन के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी और डॉक्टरों ने स्वास्थ्य जोखिम की चेतावनी दी थी। बावजूद इसके, कार्यकर्ता ने तब तक अनशन जारी रखने का संकल्प जताया था, जब तक कि ठोस समाधान नहीं निकलता।
राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कार्यकर्ता के साथ सीधे संवाद किया। सूत्रों के मुताबिक, आने वाले समय में मराठा आरक्षण को कानूनी मजबूती देने के लिए विशेष सत्र बुलाने पर भी विचार हो रहा है।
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