विशेष जांच रिपोर्ट (SIR) के खिलाफ विपक्षी दलों का विरोध प्रदर्शन लगातार तेज होता जा रहा है। सोमवार को सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेता दिल्ली में धरने पर बैठे। यह प्रदर्शन लगातार पांचवें दिन जारी रहा।
प्रदर्शन स्थल पर विपक्षी नेताओं के सामने एक बड़ा बैनर लगाया गया था, जिस पर लिखा था – “SIR – लोकतंत्र पर हमला”। विपक्ष का आरोप है कि यह रिपोर्ट लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने और विपक्षी आवाज़ों को दबाने का प्रयास है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि SIR का इस्तेमाल सरकार राजनीतिक विरोधियों को डराने और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के जरिए लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाने के लिए कर रही है। राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष देश के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा के लिए एकजुट है और यह लड़ाई संसद से सड़कों तक लड़ी जाएगी।
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समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस रिपोर्ट को संविधान के खिलाफ करार दिया और कहा कि जनता की आवाज़ को दबाने के लिए इस तरह की रणनीतियां अपनाई जा रही हैं। विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से मिलकर SIR को वापस लेने और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, वाम दलों सहित कई अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए यह संघर्ष जारी रहेगा।
विश्लेषकों का कहना है कि SIR को लेकर विपक्षी दलों का यह एकजुट आंदोलन आने वाले दिनों में और तेज हो सकता है तथा संसद के आगामी सत्रों में भी इसका असर दिखाई दे सकता है।
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