कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने फिलिस्तीन में जारी हिंसा और तबाही पर भारत सरकार की चुप्पी को शर्मनाक करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस्राइल द्वारा फिलिस्तीनी नागरिकों पर किए जा रहे हमले, खासकर पांच अल जज़ीरा पत्रकारों की "निर्दय हत्या", मानवता और लोकतंत्र के सिद्धांतों पर सीधा हमला है।
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पांच पत्रकारों की मौत केवल एक दुखद घटना नहीं, बल्कि यह युद्ध अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि पत्रकार सच्चाई को दुनिया के सामने लाने के लिए जान जोखिम में डालते हैं और उनकी हत्या, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म करने की कोशिश है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भारत, जो हमेशा से मानवाधिकार और न्याय के पक्ष में खड़ा रहा है, आज इस गंभीर मुद्दे पर चुप है। प्रियंका गांधी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्याय और मानवाधिकार की रक्षा की जिम्मेदारी निभाने में भारत की चुप्पी उसके नैतिक दायित्व पर प्रश्नचिह्न लगाती है।
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उन्होंने सरकार से मांग की कि वह फिलिस्तीन में निर्दोष लोगों और पत्रकारों की हत्या के खिलाफ स्पष्ट और ठोस रुख अपनाए, साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर न्याय की मांग करे। प्रियंका गांधी ने कहा कि यह केवल एक क्षेत्रीय संघर्ष नहीं, बल्कि मानवता का मुद्दा है, जिसमें दुनिया के हर लोकतांत्रिक देश को अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए।
उनका बयान ऐसे समय आया है जब गाज़ा और अन्य फिलिस्तीनी इलाकों में लगातार हिंसा, हवाई हमलों और नागरिकों की मौत की खबरें सामने आ रही हैं, जबकि कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इसे युद्ध अपराध बताया है।
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