तेलंगाना में 42% पिछड़ा वर्ग (बीसी) आरक्षण में 10% मुस्लिम कोटा देने के प्रस्ताव को लेकर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है। तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष एन. रामचंदर राव ने बुधवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को इस फैसले पर अपनी ही पार्टी के बीसी नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
रामचंदर राव ने कहा कि कांग्रेस सरकार का यह कदम बीसी समुदाय के अधिकारों का हनन करता है और पार्टी के भीतर ही इसे लेकर गहरी नाराजगी है। उन्होंने दावा किया कि कई वरिष्ठ बीसी नेता इस प्रस्ताव से असहमत हैं और मुख्यमंत्री पर दबाव बना रहे हैं कि इस फैसले को वापस लिया जाए।
बीजेपी नेता ने कहा, “रेवंत रेड्डी का यह निर्णय राजनीतिक रूप से प्रेरित है। यह बीसी वर्ग के हितों को नुकसान पहुंचाएगा और सामाजिक असंतुलन पैदा करेगा। कांग्रेस के अंदर ही इस मुद्दे पर गहरी दरारें उभर रही हैं।”
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इस बीच, कांग्रेस पार्टी की ओर से अभी तक इस आरोप पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर पार्टी के अंदर विरोध खुलकर सामने आता है, तो यह राज्य सरकार के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।
बीजेपी ने मांग की है कि सरकार इस प्रस्ताव को तत्काल वापस ले और आरक्षण नीतियों में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करे। पार्टी का कहना है कि मुस्लिम कोटा का मुद्दा सामाजिक न्याय की अवधारणा को कमजोर कर सकता है और भविष्य में कानूनी विवाद भी पैदा कर सकता है।
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