पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के कार्यालय के बाहर सोमवार को उस समय तनाव की स्थिति बन गई जब नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी सहित भाजपा विधायक वहां पहुंचे। वहीं, बूथ लेवल अधिकारी (BLO) पिछले बुधवार से धरना देकर मृत BLOs के परिवारों को मुआवजा देने और मतदाता सूची के विशेष त्वरित पुनरीक्षण (SIR) की समय सीमा दो माह बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
BLOs ने भाजपा विधायकों का विरोध किया तो जवाब में भाजपा नेताओं ने भी उनके खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस (TMC) के समर्थक BLOs के साथ खड़े रहे। स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने कार्यालय के सामने बैरिकेड लगा दिया और प्रदर्शनकारी BLOs को नियंत्रित करने की कोशिश की। कुछ ही देर में BLOs, पुलिस और भाजपा विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। करीब 20 मिनट बाद पुलिस ने विधायकों को अंदर जाने के लिए सुरक्षित रास्ता बनाया।
एक प्रदर्शनकारी BLO ने कहा कि SIR की समय सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। “जिनकी मौत हुई, उनके परिवारों का क्या होगा? उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए।” एक स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने कहा, “शिक्षकों को स्कूलों से हटाकर काम कराया जा रहा है। स्कूल कैसे चलेंगे? बिना योजना के काम कराया जा रहा है।”
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एक अन्य शिक्षक ने कहा, “मैं BJP द्वारा चुनाव आयोग को हथियार बनाकर किए जा रहे उत्पीड़न के खिलाफ यहां आया हूं। काम के लिए सिर्फ सात दिन बढ़ाए गए हैं, लेकिन दो साल का काम दो महीनों में संभव नहीं है।”
दफ्तर में प्रवेश करने के बाद सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “हम मतदाता सूची से फर्जी वोटरों को हटाएंगे। मौजूदा मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) को पूर्व मुख्यमंत्री बना देंगे।”
बाद में सुवेंदु अधिकारी, शिशिर बाजोरिया, शंकर घोष आदि की अगुवाई में BJP प्रतिनिधिमंडल ने CEO मनोज अग्रवाल से मुलाकात की। इसके बाद विशेष पर्यवेक्षक सुब्रत गुप्ता से भी बैठक निर्धारित थी।
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