तमिलनाडु के करुर जिले में टीवीके रैली के दौरान हुई भगदड़ में हुई मौतों के बाद देशभर में शोक की लहर फैल गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी मृतकों के परिजनों के साथ संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
राज्य के राजनीतिक नेताओं ने भी घटना पर प्रतिक्रिया दी है। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पाड़ी के. पलानीस्वामी, वरिष्ठ नेता पी. शन्मुगम और केंद्रीय मंत्री एंबुमणि रामदास सहित अन्य नेताओं ने इस त्रासदी के मामले में तुरंत जांच की मांग की है। नेताओं का कहना है कि रैली में भीड़ प्रबंधन की कमी और सुरक्षा व्यवस्था की लापरवाही ने इस दुखद घटना को जन्म दिया।
स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। साथ ही घायल लोगों का इलाज राज्य सरकार के खर्च पर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजा देने और मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की घोषणा की।
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विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं बड़े सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के महत्व को स्पष्ट रूप से उजागर करती हैं। राजनीतिक दलों की जांच की मांग यह सुनिश्चित करती है कि दोषियों को सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़े और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
इस दुखद घटना ने राज्य और केंद्र दोनों स्तर पर प्रशासनिक, राजनीतिक और सामाजिक पहलुओं में गंभीर बहस को जन्म दिया है।
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