भारतीय क्रिकेट टीम के भरोसेमंद बल्लेबाज़ और 21वीं सदी के सबसे प्रमुख टेस्ट विशेषज्ञों में से एक, चेतेश्वर पुजारा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। पुजारा ने अपने शानदार करियर में 103 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 7,195 रन बनाए। उनका सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर 206 नाबाद रहा। इसके अलावा उन्होंने 19 शतक और 35 अर्धशतक लगाए, जिससे वे भारत के सबसे स्थिर और धैर्यवान बल्लेबाज़ों में शामिल हुए।
पुजारा अपनी अनुशासित और धैर्यपूर्ण बल्लेबाज़ी के लिए मशहूर रहे हैं। उन्होंने एक दशक से अधिक समय तक भारतीय टेस्ट टीम की बल्लेबाज़ी को मजबूती प्रदान की और कई यादगार जीतों में अहम योगदान दिया। खासकर विदेशों में उनकी पारियां भारत के ऐतिहासिक जीत के कारण बनीं। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की पहली टेस्ट सीरीज़ जीत में उनका शानदार प्रदर्शन रहा।
संन्यास की घोषणा के बाद क्रिकेट जगत के दिग्गजों और प्रशंसकों ने पुजारा को बधाई दी और उनके योगदान को याद किया। उन्हें "वॉल 2.0" कहा जाता रहा क्योंकि वे राहुल द्रविड़ की तरह भारतीय बल्लेबाज़ी की रीढ़ साबित हुए।
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पुजारा ने कहा कि भारतीय टीम के लिए खेलना उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान था और यह यात्रा उनके परिवार, कोच और प्रशंसकों के समर्थन के बिना संभव नहीं थी। वे आगे घरेलू क्रिकेट और काउंटी क्रिकेट खेलते रहेंगे।
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