भारतीय घरेलू क्रिकेट में सितारे सरफराज़ खान की हाल ही में चयन से बाहर होने की घटना ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है। 28 वर्षीय बल्लेबाज सरफराज़ खान को हाल ही में घोषित भारतीय टीम के स्क्वाड से बाहर रखा गया। पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में उन्होंने टीम के लिए खेला था, लेकिन पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ चोट के कारण चयन नहीं हो पाया।
इस बार उनका चयन साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ होने वाले मैचों के लिए नहीं हुआ, जिन्हें ऋषभ पंत की कप्तानी में खेलना था। रिपोर्ट्स के अनुसार, पंत की वापसी ही खान के चयन से बाहर रहने का कारण बनी।
कांग्रेस प्रवक्ता शामा मोहम्मद ने आरोप लगाया कि खान को उनके "सरनेम" यानी धर्म के कारण बाहर रखा गया। उन्होंने ट्वीट किया, "क्या सरफराज़ खान का चयन उनके सरनेम की वजह से नहीं हुआ? हमें पता है गौतम गंभीर इस मामले में किस पक्ष में हैं।"
और पढ़ें: IND vs AUS: पोंटिंग का भरोसा, कोहली और रोहित जल्द वापस पाएंगे फॉर्म
इस पर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि वह क्रिकेट टीम को धार्मिक आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रही है। भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन ने कहा कि यह कांग्रेस की पक्षपाती मानसिकता और ध्रुवीकरण की राजनीति का स्पष्ट उदाहरण है।
पूर्व क्रिकेटर अतुल वासन ने आरोपों को "असंगत" बताया और कहा कि खान को सम्मान और मौके नहीं मिल रहे हैं, लेकिन यह धर्म के कारण नहीं हो रहा।
हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी और AIMIM प्रवक्ता वारिस पठान ने भी सरफराज़ खान के चयन को लेकर सवाल उठाए। पठान ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में उनका प्रथम श्रेणी क्रिकेट में औसत 110 है, वह फिट हैं, और 17 किलो वजन कम कर चुके हैं।
सरफराज़ खान की टीम से छुट्टी ने उनके प्रशंसकों को निराश किया, खासकर इंग्लैंड दौरे में उनके प्रदर्शन को देखते हुए।
शामा मोहम्मद ने मार्च में रोहित शर्मा को "फैट" कहकर विवाद खड़ा किया था, जिसके बाद कांग्रेस ने उनसे दूरी बनाई और उनका पोस्ट हटाने को कहा।
और पढ़ें: चैंपियंस लीग में गोलों की बरसात: PSG ने 7 और बार्सिलोना ने 6 गोल किए