भारतीय फुटबॉल के प्रमुख टूर्नामेंट इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के नए सीज़न पर संकट गहराता जा रहा है। मास्टर राइट्स एग्रीमेंट (MRA) के नवीनीकरण को लेकर ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) और फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (FSDL) के बीच जारी विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को कड़ा निर्देश दिया कि वे 28 अगस्त तक आपसी सहमति से कोई समाधान निकालें। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि तय समय तक विवाद नहीं सुलझा, तो अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि 11 जुलाई को आईएसएल के आगामी सीज़न को ‘पुट ऑन होल्ड’ कर दिया गया था। इसका मुख्य कारण एआईएफएफ और एफएसडीएल के बीच मास्टर राइट्स एग्रीमेंट का नवीनीकरण न होना है। यह समझौता लीग के प्रसारण अधिकार, आयोजन की ज़िम्मेदारी और राजस्व संरचना से जुड़ा हुआ है।
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सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि लीग को लंबे समय तक रोके रखना भारतीय फुटबॉल और खिलाड़ियों के भविष्य के लिए ठीक नहीं है। अदालत ने दोनों संस्थाओं को नसीहत दी कि वे कानूनी टकराव के बजाय बातचीत से हल निकालें।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह विवाद जल्द नहीं सुलझा तो न केवल खिलाड़ियों के करियर पर असर पड़ेगा बल्कि भारत में फुटबॉल लीग की साख पर भी प्रश्नचिन्ह लग सकता है।
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