भारतीय मुक्केबाज़ी के लिए गौरव का क्षण आया जब जेस्मिन लैंबोरिया ने विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। जेस्मिन यह खिताब हासिल करने वाली भारत की नौवीं मुक्केबाज़ बन गईं। इस उपलब्धि ने न केवल भारतीय बॉक्सिंग को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है, बल्कि देशभर में खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों में उत्साह का संचार किया है।
फाइनल मुकाबले में जेस्मिन ने शानदार प्रदर्शन किया और अपने प्रतिद्वंद्वी को हराकर विश्व खिताब अपने नाम किया। उनकी जीत ने भारतीय महिला मुक्केबाज़ी की क्षमता और लगातार बढ़ते स्तर को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर साबित किया।
इस प्रतियोगिता में भारत की अन्य महिला मुक्केबाज़ों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। नुपुर श्योराण ने 80+ किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता, जबकि अनुभवी पूजा रानी ने 80 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया। भले ही ये वर्ग ओलंपिक भार वर्गों में शामिल नहीं हैं, लेकिन इन उपलब्धियों ने भारतीय बॉक्सिंग की ताकत और विविधता को प्रदर्शित किया है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि जेस्मिन की जीत युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी और देश में मुक्केबाज़ी के लिए और मजबूत माहौल तैयार करेगी। वहीं, नुपुर और पूजा रानी के प्रदर्शन ने भी यह साबित किया कि भारत की महिला बॉक्सिंग टीम में गहराई और निरंतरता मौजूद है।
भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन ने खिलाड़ियों की इस सफलता पर खुशी जताते हुए कहा कि यह जीत आने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाएगी। जेस्मिन का यह स्वर्ण भारत की खेल उपलब्धियों में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ गया है।
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