विश्व खेलों में भारतीय कंपाउंड तीरंदाजों का प्रदर्शन इस बार उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। पूरे टूर्नामेंट में भारत के लिए एकमात्र सकारात्मक नतीजा ऋषभ यादव के कांस्य पदक के रूप में आया।
10वीं वरीयता प्राप्त ऋषभ यादव ने पुरुष एकल कंपाउंड तीरंदाजी के कांस्य पदक मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने ही सीनियर साथी और कई बार विश्व कप स्वर्ण पदक जीत चुके अभिषेक वर्मा को 149-147 से हराया। मुकाबले के दौरान ऋषभ ने बेहद सटीक निशाना लगाया और दबाव में भी लय बनाए रखी।
पूरे मैच में दोनों तीरंदाजों के बीच कड़ी टक्कर रही, लेकिन निर्णायक पलों में ऋषभ ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की। इस जीत के साथ उन्होंने भारत को टूर्नामेंट का एकमात्र पदक दिलाया।
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बाकी भारतीय कंपाउंड तीरंदाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और वे शुरुआती दौर में ही बाहर हो गए। टीम इवेंट में भी भारत पदक की दौड़ से बाहर रहा, जिससे प्रशंसकों और कोचिंग स्टाफ को निराशा हुई।
विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय कंपाउंड तीरंदाजों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए और अधिक तैयारी, रणनीति और मानसिक मजबूती पर ध्यान देने की जरूरत है। वहीं, ऋषभ की जीत ने दिखाया कि युवा खिलाड़ी अवसर मिलने पर बड़े मंच पर भी दमखम दिखा सकते हैं।
ऋषभ यादव ने जीत के बाद कहा कि यह पदक उनके लिए खास है और वह आने वाले टूर्नामेंट्स में देश के लिए और पदक जीतने की कोशिश करेंगे।
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