भारत के अनुभवी टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने शनिवार को पेशेवर टेनिस से संन्यास की घोषणा की, जिससे उनका दो दशक से अधिक लंबा अंतरराष्ट्रीय करियर समाप्त हो गया। 45 वर्षीय बोपन्ना उन चार भारतीय खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने ग्रैंड स्लैम खिताब जीता है।
बोपन्ना का आखिरी मैच इस सप्ताह पेरिस मास्टर्स टूर्नामेंट में हुआ, जहां उन्होंने कज़ाखस्तान के अलेक्जेंडर बुल्बिक के साथ जोड़ी बनाकर हिस्सा लिया। दोनों पहले दौर में हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए।
उन्होंने सोशल मीडिया पर "ए गुडबाय... बट नॉट द एंड" शीर्षक से एक भावनात्मक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “मैं अब आधिकारिक रूप से अपना रैकेट टांग रहा हूं। यह सफर मेरे छोटे से शहर कूर्ग से शुरू हुआ और मुझे विश्व टेनिस के सबसे बड़े मंचों तक ले गया। यह यात्रा अविश्वसनीय रही।”
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दो दशक से अधिक लंबे करियर में बोपन्ना ने न केवल भारत का प्रतिनिधित्व डेविस कप, ओलंपिक और एशियाई खेलों में किया, बल्कि ग्रैंड स्लैम और एटीपी सर्किट में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं। 2017 में उन्होंने गैब्रिएला डाब्रोव्स्की के साथ फ्रेंच ओपन मिक्स्ड डबल्स खिताब जीता और 2024 में मैथ्यू एब्डेन के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन युगल खिताब अपने नाम किया।
बोपन्ना अपने मजबूत सर्व और खेल भावना के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा, “हर मैच में मैंने भारत का झंडा अपने साथ महसूस किया और हर बार कोर्ट पर उतरना मेरे लिए गर्व का क्षण रहा।”
उनका संन्यास भारतीय टेनिस के एक स्वर्णिम अध्याय का अंत माना जा रहा है।
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