भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच और दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आगामी 2025 एफआईएच जूनियर वर्ल्ड कप से पहले खिलाड़ियों को बड़ा संदेश दिया है। चेन्नई और मदुरै में होने वाले इस टूर्नामेंट के लिए 18 सदस्यीय मजबूत टीम की घोषणा के बाद श्रीजेश ने कहा कि वर्ल्ड कप जीतना महत्वपूर्ण है, लेकिन खिलाड़ियों को इससे भी आगे सोचते हुए लॉस एंजेलिस 2028 और ब्रिस्बेन 2032 ओलंपिक का सपना देखना चाहिए।
श्रीजेश ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी के लिए देश का प्रतिनिधित्व करना गर्व की बात है, लेकिन जूनियर स्तर केवल एक शुरुआती सीढ़ी है। उन्होंने बताया, “मैं हमेशा इन लड़कों से कहता हूं कि 2028 या 2032 ओलंपिक का सपना देखें। वे हमेशा जूनियर सेटअप में नहीं रहेंगे। अगले आठ वर्षों के भीतर उन्हें ओलंपिक खेलने की सोच रखनी चाहिए। यह वर्ल्ड कप उनके करियर को आगे बढ़ाने की मजबूत नींव है।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई सीनियर खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने कभी जूनियर वर्ल्ड कप नहीं खेला, फिर भी शीर्ष स्तर पर पहुंचे। 2016 जूनियर वर्ल्ड कप विजेता टीम से कई खिलाड़ी सीधे सीनियर टीम में शामिल हुए। इसी तरह 2001 की टीम से भी लगभग 10 से 11 खिलाड़ी तुरंत राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बन गए। श्रीजेश के मुताबिक जूनियर वर्ल्ड कप खिलाड़ियों को बड़े मंच पर खेलने का अनुभव, दबाव में निर्णय लेने की क्षमता और चुनौतियों से निपटने का आत्मविश्वास देता है।
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हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वर्ल्ड कप जीतने की भूख कम नहीं होनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने और पेरिस ओलंपिक में दो बार के कांस्य पदक विजेता बनने के बाद कोच बने श्रीजेश ने इस समूह के साथ काफी समय बिताया है। टीम ने हाल ही में सुल्तान ऑफ जौहर कप में उपविजेता रहते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कड़े मुकाबले में हार झेली, जिसने उन्हें और मजबूत बनाया है।
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