माइक्रोसॉफ्ट एआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा सुलैमान ने एआई सुपरइंटेलिजेंस को एक “एंटी-गोल” करार देते हुए चेतावनी दी है कि इस दिशा में अत्यधिक प्रगति मानव नियंत्रण के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकती है। एक पॉडकास्ट ‘सिलिकॉन वैली गर्ल’ में उन्होंने कहा कि सुपरइंटेलिजेंस वह स्थिति है, जहां एआई स्वयं को बेहतर बना सकती है, अपने लक्ष्य तय कर सकती है और मनुष्यों से स्वतंत्र होकर कार्य कर सकती है।
उन्होंने कहा कि ऐसा सिस्टम न तो आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है और न ही उसे मानव मूल्यों के अनुरूप ढाला जा सकता है। इसलिए इसे हासिल करना स्वयं एक खतरा बन सकता है। उन्होंने एजीआई (Artificial General Intelligence) और सुपरइंटेलिजेंस के बीच अंतर बताते हुए कहा कि एजीआई एक पूर्व-स्तर है, जबकि सुपरइंटेलिजेंस उससे कई कदम आगे है।
सुलैमान ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट अपनी एक “ह्यूमनिस्ट सुपरइंटेलिजेंस” विकसित कर रहा है, जिसका उद्देश्य एक ऐसा एआई बनाना है जो मानव हितों के अनुरूप हो और मनुष्यों का सहयोगी बनकर कार्य करे।
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उन्होंने गूगल डीपमाइंड के सीईओ डेमिस हसाबिस की इस भविष्यवाणी से भी सहमति जताई कि आने वाले पांच वर्षों में एजीआई प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि कई क्षेत्रों—सारांश लेखन, अनुवाद, शोध, डॉक्यूमेंट लेखन और कविता—में एआई पहले से ही मनुष्यों से बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
उनका कहना है कि एआई जल्द ही प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, मार्केटिंग और एचआर जैसी प्रोफेशनल भूमिकाओं में भी मानव स्तर की दक्षता हासिल कर लेगी। इससे कार्य-क्षेत्र में गहरा बदलाव आएगा और काम करने का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा।
सुलैमान ने यह भी कहा कि एआई “बौद्धिक लोकतंत्रीकरण” ला सकती है, जहां एक व्यक्ति केवल कल्पना के जरिए नई कंपनियां, नए उत्पाद और रचनात्मक कार्य शुरू कर सकेगा, क्योंकि विचार और उसके क्रियान्वयन के बीच की दूरी लगभग खत्म हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि भविष्य में एआई के लिए मजबूत नियम, विनियम और सुरक्षा उपाय जरूरी होंगे ताकि यह तकनीक मानवता के साथ मिलकर कार्य करे, न कि उसके विरुद्ध।
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