यूरोपीय संघ की जनरल कोर्ट ने बुधवार को अमेज़न की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कंपनी ने ईयू के डिजिटल सर्विसेज़ एक्ट (DSA) के तहत उसे “बहुत बड़ा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म” (Very Large Online Platform – VLOP) के रूप में चिह्नित करने का विरोध किया था।
इस लेबल के तहत आने वाली कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर अवैध और हानिकारक सामग्री को रोकने के लिए काफी सख्त नियमों का पालन करना पड़ता है।
अमेज़न ने तर्क दिया था कि DSA में “बहुत बड़े” प्लेटफॉर्म की परिभाषा गलत है और यह कानून उन कंपनियों के लिए बनाया गया है जो मुख्य रूप से विज्ञापन-आधारित सामग्री और जानकारी का प्रसार करती हैं।
अमेज़न का कहना था कि उसका प्लेटफॉर्म सिर्फ सामान बेचता है और वह “सूचना, विचार या राय को प्रसारित या बढ़ावा नहीं देता”, इसलिए उसे इस श्रेणी में रखना उचित नहीं।
लेकिन ईयू की दूसरी सबसे बड़ी अदालत ने माना कि 45 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं वाले ऑनलाइन मार्केटप्लेस भी समाज के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं — जैसे अवैध सामग्री, नकली उत्पाद या उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन।
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कोर्ट ने कहा कि इसी कारण से अमेज़न पर कड़े नियम लागू होना पूरी तरह उचित है।
निर्णय में कहा गया कि “इन प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए दायित्व समाज को जोखिमों से बचाने के लिए आवश्यक हैं, चाहे इससे कंपनियों पर भारी वित्तीय बोझ ही क्यों न पड़े।”
अमेज़न ने फैसले पर निराशा जताते हुए कहा कि वह इस निर्णय के खिलाफ अपील करेगा।
कंपनी ने बयान जारी कर कहा, “VLOP स्टेटस बहुत बड़ी विज्ञापन-आधारित कंपनियों के जोखिमों को देखते हुए बनाया गया था। अमेज़न स्टोर ऐसे किसी जोखिम का कारण नहीं बनता।”
हालांकि कोर्ट ने अमेज़न के सभी तर्कों को ख़ारिज करते हुए फैसला ईयू के पक्ष में सुनाया।
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