एजेंटिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उभार के साथ फिनटेक और बैंकिंग सेक्टर एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। शुरुआती दौर में एआई का इस्तेमाल सीमित और कार्य-विशिष्ट रहा—जैसे भुगतान विफलताओं को कम करना, धोखाधड़ी का पता लगाना और ग्राहक सेवा को तेज करना। लेकिन अब यह परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। एडब्ल्यूएस इंडिया में फाइनेंशियल सर्विसेज एंड कॉन्ग्लोमरेट्स के प्रमुख किरण जगन्नाथ के अनुसार, “भविष्य एजेंटिक एआई का है—एक अकेला एजेंट नहीं, बल्कि कई एआई एजेंट जो मानव जैसी तर्क क्षमता के साथ मिलकर एंड-टू-एंड प्रक्रियाओं को पूरा करेंगे।”
भारत के बैंक, बीमा कंपनियां और फिनटेक फर्में अपने ग्राहक-सामना करने वाले कार्यों में एआई-सक्षम उपायों का प्रोटोटाइप बना रही हैं, उन्हें परख रही हैं और बड़े पैमाने पर लागू भी कर रही हैं। इस बदलाव का एक अहम पहलू यह है कि कई संस्थान अब केवल सॉफ्टवेयर खरीदने वाले नहीं रहे, बल्कि खुद सॉफ्टवेयर बनाने वाले बनते जा रहे हैं। यह बदलाव उनकी डिजिटल परिपक्वता और नवाचार की गति को दर्शाता है।
किरण जगन्नाथ इस परिवर्तन को करीब से देखने वालों में शामिल हैं। AWS re:Invent 2025 के मौके पर हुई विस्तृत बातचीत में उन्होंने बताया कि कैसे क्लाउड कंप्यूटिंग, जेनरेटिव एआई, एजेंटिक ऑर्केस्ट्रेशन, डेटा मॉडर्नाइजेशन और संगठनात्मक संस्कृति एक साथ मिलकर वित्तीय सेवाओं के लिए “पूरी तरह नया ऑपरेटिंग मॉडल” तैयार कर रहे हैं।
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उनका मानना है कि आने वाले समय में बैंकिंग और फिनटेक कंपनियां ऐसे एआई एजेंट्स का इस्तेमाल करेंगी जो न सिर्फ अलग-अलग कार्यों को संभालेंगे, बल्कि आपस में समन्वय कर जटिल प्रक्रियाओं को भी स्वचालित रूप से पूरा करेंगे—जैसे ग्राहक ऑनबोर्डिंग, जोखिम मूल्यांकन, अनुपालन और व्यक्तिगत वित्तीय सलाह। यह बदलाव न केवल दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि ग्राहकों के अनुभव को भी अधिक सहज और व्यक्तिगत बनाएगा।
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