गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शाखा DeepMind के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और शीर्ष वैज्ञानिक डेमिस हासाबिस ने भविष्य की क्षमताओं को लेकर एक अहम बयान दिया है। उनका कहना है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे मूल्यवान मानवीय कौशल होगा – “सीखना कैसे सीखें”।
हासाबिस के अनुसार, तेजी से बदलती दुनिया में केवल एक ही कौशल या ज्ञान पर्याप्त नहीं होगा। तकनीक, समाज और कार्यक्षेत्र इतनी तेज़ी से बदल रहे हैं कि व्यक्ति को लगातार नई चीजें सीखने और अपनाने की क्षमता विकसित करनी होगी। उन्होंने कहा कि ‘लाइफ-लॉन्ग लर्निंग’ यानी जीवनभर सीखते रहने की आदत ही आने वाले समय में सफलता की कुंजी बनेगी।
गूगल वैज्ञानिक ने समझाया कि एआई और ऑटोमेशन के युग में कई परंपरागत नौकरियां बदलेंगी या समाप्त हो जाएंगी। ऐसे में जो लोग तेज़ी से नए कौशल सीख सकेंगे और नई परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल सकेंगे, वही आगे बढ़ पाएंगे।
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उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा प्रणाली को अब केवल जानकारी देने के बजाय छात्रों को “कैसे सीखें” इस पर ध्यान केंद्रित करना होगा। रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान जैसे गुण भविष्य की दुनिया में और भी अधिक अहम होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि हासाबिस का यह बयान शिक्षा और रोजगार दोनों क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण संकेत है। यह संदेश स्पष्ट है कि भविष्य केवल डिग्रियों या स्थायी कौशल पर निर्भर नहीं करेगा, बल्कि सीखने और बदलने की क्षमता ही निर्णायक होगी।
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