अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर चिंता तेजी से बढ़ रही है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिक डरते हैं कि एआई भविष्य में स्थायी रूप से नौकरियों को छीन सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक बड़े पैमाने पर बेरोजगारी के कोई स्पष्ट संकेत नहीं हैं। जुलाई 2025 में अमेरिका की बेरोजगारी दर केवल 4.2% दर्ज की गई, जो ऐतिहासिक रूप से कम मानी जाती है। इसके बावजूद, एआई के कारण कामकाज, उद्योगों और रोज़मर्रा की जिंदगी में हो रहे बदलाव लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि एआई तकनीक न केवल पारंपरिक नौकरियों के स्वरूप को बदल रही है, बल्कि नए कौशल की मांग भी तेजी से बढ़ा रही है। इससे ऐसे लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं जिनकी नौकरियां दोहराए जाने वाले कार्यों या सीमित कौशल पर आधारित हैं।
और पढ़ें: मुंबई में जन्मे पालंटिर के सीटीओ श्याम शंकर: एआई और सॉफ्टवेयर विस्तार के सूत्रधार
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अमेरिकी नागरिकों को डर है कि एक बार मशीनों और एल्गोरिद्म द्वारा काम संभालने के बाद ये नौकरियां वापस नहीं आएंगी। कई उद्योग पहले से ही स्वचालन (Automation) की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, जिससे आने वाले समय में मानव श्रम की आवश्यकता घट सकती है।
नीतिनिर्माताओं और उद्योग जगत के नेताओं के सामने चुनौती यह है कि वे नई तकनीक के लाभ उठाने के साथ-साथ श्रमिकों के लिए सुरक्षित संक्रमण (Job Transition) के उपाय भी सुनिश्चित करें। विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए लोगों को नए कौशल सिखाए जाएं, ताकि वे बदलते रोजगार परिदृश्य के अनुकूल हो सकें।
और पढ़ें: एआई रेस में तेजी, OpenAI ने ChatGPT-5 जारी किया