Google और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले के सीस्मोलॉजी लेबोरेटरी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, Android स्मार्टफोन अब भूकंप की समयपूर्व चेतावनी देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 'Android Earthquake Alert System' नामक यह तकनीक अब तक 98 देशों में सक्रिय रूप से काम कर रही है।
इस सिस्टम का आधार स्मार्टफोन में मौजूद एक्सेलेरोमीटर सेंसर हैं, जो कंपन और गति में अचानक आए बदलाव को पहचान सकते हैं। जब कोई भूकंप शुरू होता है, तो लाखों स्मार्टफोन इन सूक्ष्म कंपनों को पकड़ते हैं और डेटा को Google के सर्वर तक भेजते हैं। इसके बाद एल्गोरिद्म यह निर्धारित करता है कि वास्तव में भूकंप हो रहा है या नहीं, और यदि पुष्टि होती है, तो तत्काल अलर्ट भेजा जाता है।
2021 से 2024 के बीच, इस प्रणाली ने भूकंप संभावित क्षेत्रों में हज़ारों सफल चेतावनियां जारी कीं, जिससे लाखों लोगों को सतर्क होकर समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का मौका मिला। यह तकनीक विशेष रूप से उन देशों के लिए उपयोगी रही है जहां पारंपरिक भूकंप चेतावनी प्रणालियां नहीं हैं।
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यह प्रणाली न केवल तकनीकी नवाचार का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे डिजिटल उपकरण और वैश्विक सहयोग प्राकृतिक आपदाओं से जान-माल की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। Google और UC बर्कले की यह पहल भविष्य की आपदा प्रबंधन रणनीतियों के लिए एक मॉडल बन रही है।
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