ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, टेक्नोलॉजी दिग्गज एप्पल (Apple) अपने वॉयस असिस्टेंट सिरी (Siri) को बेहतर बनाने के लिए गूगल (Google) के विकसित किए गए 1.2 ट्रिलियन पैरामीटर्स वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल का उपयोग करने की योजना बना रही है। यह मॉडल गूगल का जेमिनी (Gemini) एआई सिस्टम है, जिसे अस्थायी रूप से इस्तेमाल किया जाएगा जब तक कि एप्पल का खुद का एआई सिस्टम पूरी तरह तैयार नहीं हो जाता।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों कंपनियां इस समझौते को अंतिम रूप देने के करीब हैं, जिसके तहत एप्पल गूगल को हर साल लगभग 1 बिलियन डॉलर (करीब ₹8,300 करोड़) का भुगतान करेगी ताकि वह गूगल की तकनीक का उपयोग कर सके।
गूगल का जेमिनी मॉडल 1.2 ट्रिलियन पैरामीटर्स के साथ अब तक के सबसे बड़े और उन्नत एआई मॉडलों में से एक माना जाता है। यह एप्पल के मौजूदा एआई सिस्टम से कहीं अधिक शक्तिशाली होगा, जिससे सिरी की कार्यक्षमता और प्रतिक्रिया क्षमता में बड़ा सुधार आने की उम्मीद है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम एप्पल की एआई रेस में प्रतिस्पर्धियों जैसे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई के साथ टक्कर लेने की रणनीति का हिस्सा है। एप्पल फिलहाल अपने स्वयं के जेनरेटिव एआई टूल्स पर काम कर रही है, लेकिन तब तक वह गूगल के उन्नत मॉडल पर निर्भर रहेगी।
रिपोर्ट के बाद न तो एप्पल और न ही अल्फाबेट (गूगल की मूल कंपनी) ने इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी की है।
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