गूगल ने घोषणा की है कि वह दक्षिण कोरिया सरकार के आदेश का पालन करते हुए अपनी मैप्स सेवा पर सैटेलाइट छवियों को धुंधला (blur) करेगा। यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया जा रहा है, क्योंकि दक्षिण कोरिया उन कुछ देशों में शामिल है, जहां गूगल मैप्स पूरी तरह से कार्य नहीं करता। इन देशों में रूस और चीन भी शामिल हैं।
दक्षिण कोरिया लंबे समय से सुरक्षा चिंताओं के चलते सटीक और उच्च-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने पर कड़ी पाबंदी लगाता आया है। माना जाता है कि उत्तर कोरिया से चल रहे तनाव और सैन्य प्रतिष्ठानों की संवेदनशील जानकारी के लीक होने की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। गूगल ने स्पष्ट किया है कि कंपनी अपने वैश्विक मानकों के बावजूद, स्थानीय सरकारों के सुरक्षा नियमों का सम्मान करेगी और उन्हीं के अनुसार सेवाएं उपलब्ध कराएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से दक्षिण कोरिया में गूगल मैप्स की कार्यक्षमता और सीमित हो जाएगी। उपयोगकर्ताओं को नेविगेशन, लोकेशन सर्च और रूट मैपिंग जैसी सुविधाओं में पहले से ही सीमित सेवाएं मिल रही हैं, क्योंकि सरकार गूगल को अपने भू-स्थानिक डेटा सर्वर को देश के भीतर रखने के लिए बाध्य करती है।
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यह फैसला एक बार फिर इस बात को रेखांकित करता है कि तकनीकी कंपनियों को स्थानीय कानूनों और राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप अपनी नीतियों को ढालना पड़ता है। दक्षिण कोरिया में यह मामला खास महत्व रखता है, क्योंकि यहां सुरक्षा और डिजिटल स्वतंत्रता के बीच संतुलन की चुनौती हमेशा बनी रहती है।
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