भारत सरकार का अपना ‘सॉवरेन एआई मॉडल’ (Sovereign AI Model) अगले वर्ष फरवरी तक तैयार हो जाएगा, यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सचिव ने दी। इस परियोजना का उद्देश्य एक स्वदेशी कृत्रिम बुद्धिमत्ता ढांचा तैयार करना है, जो देश की डेटा सुरक्षा, भाषा विविधता और तकनीकी आत्मनिर्भरता को सशक्त बनाएगा।
सचिव ने कहा कि यह एआई मॉडल पूरी तरह भारतीय डेटा पर आधारित होगा, ताकि देश की सामाजिक-आर्थिक जरूरतों के अनुरूप समाधान विकसित किए जा सकें। उन्होंने बताया कि यह मॉडल शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और शासन जैसे क्षेत्रों में जनहितकारी अनुप्रयोगों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
सरकार के अनुसार, इस सॉवरेन एआई पहल के तहत देश की प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थाओं, स्टार्टअप्स और निजी उद्योगों को भी साझेदारी का अवसर मिलेगा। इससे न केवल नवाचार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि एआई आधारित स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी मजबूती मिलेगी।
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मंत्रालय के सचिव ने यह भी कहा कि भारत अपने एआई मॉडल को बहुभाषी क्षमताओं के साथ विकसित कर रहा है ताकि यह विभिन्न भारतीय भाषाओं में सहजता से काम कर सके। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि परियोजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और फरवरी तक इसका पहला संस्करण (Version 1.0) जारी कर दिया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत को वैश्विक एआई प्रतिस्पर्धा में एक मजबूत स्थान दिलाएगा और डेटा गोपनीयता को सुनिश्चित करते हुए डिजिटल संप्रभुता की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
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