2025 दुनिया भर के टेक यूज़र्स के लिए उतार-चढ़ाव भरा साल साबित हुआ। इस वर्ष तकनीक ने जहां कई नई संभावनाओं के द्वार खोले, वहीं कुछ अहम चुनौतियां भी सामने आईं। बड़ी संख्या में लोगों ने जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का इस्तेमाल सिर्फ सवालों के जवाब पाने तक सीमित न रखकर फोटो, वीडियो, कंटेंट क्रिएशन और ऑटोमेशन जैसे क्षेत्रों में भी किया। AI से तैयार की गई तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट की लगभग हर जगह दिखाई देने लगे, जिससे डिजिटल अनुभव पूरी तरह बदलता नजर आया।
दूसरी ओर, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के प्रभाव को लेकर सरकारों की चिंताएं भी बढ़ीं। ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों को कई सोशल मीडिया और एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म्स से दूर कर दिया गया। यह फैसला युवाओं और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के असर को ध्यान में रखते हुए लिया गया, और इस दिशा में अन्य देशों में भी सख्त नियमों पर चर्चा शुरू हुई।
गैजेट इंडस्ट्री की बात करें तो 2025 में Apple ने अपनी नई iPhone 17 सीरीज़ लॉन्च की। खास तौर पर इसका अल्ट्रा-थिन ‘एयर’ वेरिएंट दुनियाभर में सुर्खियों में रहा। हालांकि, AI से लैस Siri को समय पर पेश न कर पाने की वजह से Apple को यूज़र्स की नाराज़गी का भी सामना करना पड़ा। वहीं, Google ने अपनी Pixel 10 सीरीज़ लॉन्च की, जिसमें एक नया फोल्डेबल स्मार्टफोन भी शामिल था।
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टेक प्रेमी अब 2026 की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं, क्योंकि इस साल ट्राई-फोल्ड स्मार्टफोन्स के आने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, इसके साथ ही मेमोरी की कमी, सेमीकंडक्टर सप्लाई और बढ़ती डिवाइस कीमतों को लेकर चिंताएं भी बनी हुई हैं। कुल मिलाकर, 2025 ने यह साफ कर दिया कि तकनीक जितनी तेज़ी से आगे बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से उससे जुड़े सामाजिक और आर्थिक सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
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