मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की गरिमा की रक्षा के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी सख्त और ठोस कार्रवाई करे। न्यायमूर्ति एन. आनंद वेंकटेश ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि देश की हर महिला की गरिमा उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि पूरे राष्ट्र की सामूहिक गरिमा।
न्यायमूर्ति वेंकटेश ने अदालत में यह मुद्दा उठाते हुए जोर दिया कि ऑनलाइन उत्पीड़न, बदनामी और साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों से महिलाओं की सुरक्षा गंभीर खतरे में है। उन्होंने कहा कि सरकार को तकनीकी और कानूनी दोनों स्तरों पर ठोस कदम उठाने होंगे ताकि डिजिटल स्पेस में महिलाओं की गरिमा से कोई समझौता न हो।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को इस दिशा में एक व्यापक अभियान शुरू करना चाहिए, जो न केवल अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करे, बल्कि महिलाओं को डिजिटल अधिकारों के प्रति जागरूक भी बनाए। न्यायमूर्ति ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अभियानों का उद्देश्य यह होना चाहिए कि कोई भी महिला ऑनलाइन उत्पीड़न का शिकार न बने और अगर ऐसा होता है तो तुरंत न्याय और सुरक्षा मिले।
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अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया कंपनियों को महिला सुरक्षा के लिए अधिक जिम्मेदारी निभानी चाहिए और सरकार को इनके लिए सख्त दिशानिर्देश बनाने चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसे कदम जल्द उठाए गए, तो साइबर स्पेस में महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा में बड़ा सुधार हो सकता है।
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