यूरोपीय आयोग ने सोमवार को घोषणा की कि मेटा (फेसबुक और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी) अब यूरोप में उपयोगकर्ताओं को कम व्यक्तिगत डेटा साझा करने और कम पर्सनलाइज़्ड विज्ञापन देखने का विकल्प देगा। यह कदम कंपनी पर EU डिजिटल नियमों के उल्लंघन के लिए लगाए गए भारी जुर्माने और कानूनी दबाव के बाद उठाया गया है।
EU ने मेटा पर "पे या सहमति" (Pay or Consent) मॉडल लागू करने के लिए 200 मिलियन यूरो (लगभग ₹1,950 करोड़) का जुर्माना लगाया था। इस सिस्टम के तहत उपयोगकर्ताओं को दो विकल्प दिए जाते थे—या तो डेटा शेयर करें और मुफ्त प्लेटफॉर्म चलाएं, या फिर प्राइवेसी के लिए भुगतान करें। मानवाधिकार समूहों ने इस मॉडल की कड़ी आलोचना की थी।
आयोग ने कहा कि जनवरी से मेटा यूरोपीय उपयोगकर्ताओं को दो स्पष्ट विकल्प देगा:
और पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया में 16 वर्ष से कम उम्र वालों पर सोशल मीडिया बैन: मेटा इसे कैसे लागू करेगा?
- सभी डेटा शेयर करें और पूरी तरह पर्सनलाइज़्ड विज्ञापन देखें
- कम डेटा शेयर करें और सीमित पर्सनलाइजेशन वाला अनुभव प्राप्त करें
यह पहली बार है जब फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उपयोगकर्ताओं को ऐसा विकल्प दिया जा रहा है। पहले भी नवंबर 2024 में मेटा ने कम पर्सनलाइज़्ड विज्ञापन दिखाने की कोशिश की थी, लेकिन वह EU के कानूनों की कसौटी पर खरा नहीं उतरा।
डिजिटल मार्केट्स एक्ट (DMA) के तहत EU ने चेतावनी दी थी कि मेटा कानून का पालन न करने पर दैनिक पेनल्टी का सामना कर सकता है। अब EU आयोग कंपनी की नई नीति के "प्रभावी क्रियान्वयन" पर निगरानी रखेगा और उपयोगकर्ताओं व विशेषज्ञों से प्रतिक्रिया लेगा।
मेटा ने बयान में कहा कि पर्सनलाइज़्ड विज्ञापन यूरोप की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। कंपनी के अनुसार, उसके विज्ञापनों का पिछले वर्ष EU में 213 बिलियन यूरो की आर्थिक गतिविधि और 14.4 लाख नौकरियों से संबंध था।
और पढ़ें: अमेरिकी अदालत में आरोप: मेटा ने सोशल मीडिया के नुकसान संबंधी साक्ष्य दबाए