आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग क्षेत्र में एक बड़ी खबर सामने आई है। थिंकिंग मशीन लैब (Thinking Machines Lab) के सह-संस्थापक टुलोच ने कंपनी छोड़कर अमेरिकी टेक दिग्गज मेटा (Meta) में शामिल होने का निर्णय लिया है। यह बदलाव उद्योग में AI के नेतृत्व और भविष्य की रणनीतियों को लेकर चर्चा का विषय बन गया है।
मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने पहले भी ओपनएआई की पूर्व चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर मीरा मुराती से संपर्क किया था, ताकि कंपनी की AI और मशीन लर्निंग टीम को और मजबूत बनाया जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि तुलोच के शामिल होने से मेटा की AI क्षमताओं में और वृद्धि होगी और कंपनी नए उत्पाद और टेक्नोलॉजी नवाचार में तेजी ला सकेगी।
थिंकिंग मशीन लैब में काम करते हुए तुलोच ने कई महत्वपूर्ण AI परियोजनाओं और शोधों का नेतृत्व किया, जो मशीन लर्निंग मॉडल और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण माने जाते हैं। उनके अनुभव और तकनीकी नेतृत्व के कारण मेटा ने उन्हें अपनी टीम में शामिल करने का निर्णय लिया।
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विश्लेषकों का कहना है कि AI और टेक्नोलॉजी उद्योग में इस तरह के प्रमुख बदलाव से प्रतिस्पर्धा बढ़ती है और कंपनियों को नई दिशा में सोचने और नवाचार करने के लिए प्रेरित किया जाता है। तुलोच की मेटा में एंट्री से कंपनी के भविष्य के प्रोजेक्ट और AI स्टार्टअप इकोसिस्टम पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।
इस परिवर्तन को उद्योग के अंदर और बाहर काफी ध्यान से देखा जा रहा है, क्योंकि यह तकनीकी नेतृत्व और AI अनुसंधान के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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