सैन फ्रांसिस्को में इस महीने की शुरुआत में हुई व्यापक बिजली कटौती के दौरान वेमो (Waymo) की ड्राइवरलेस टैक्सियों के ठप हो जाने से स्वायत्त वाहनों की आपात स्थितियों से निपटने की क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस घटना ने भूकंप और बाढ़ जैसी बड़ी आपदाओं के दौरान रोबोटैक्सी सेवाओं की तैयारियों को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
20 दिसंबर को पीजी एंड ई (PG&E) के एक सबस्टेशन में आग लगने के बाद शहर के लगभग एक-तिहाई हिस्से में बिजली गुल हो गई थी। ट्रैफिक सिग्नल बंद होने के कारण अल्फाबेट की इकाई वेमो की कई रोबोटैक्सियां चौराहों पर खड़ी हो गईं और उनके हैज़र्ड लाइट जलते रहे। The Indian Witness पर वीडियो में देखा गया कि इन वाहनों के कारण सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई। इसके बाद वेमो ने अस्थायी रूप से अपनी सेवाएं रोक दीं, जिन्हें एक दिन बाद फिर शुरू किया गया।
इस घटना के बाद विशेषज्ञों और नीति-निर्माताओं ने तेजी से बढ़ रहे रोबोटैक्सी उद्योग के लिए कड़े नियमों की मांग की है। कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फिलिप कूपमैन ने कहा कि यदि ब्लैकआउट जैसी स्थिति में प्रतिक्रिया विफल होती है, तो यह सुनिश्चित करना नियामकों की जिम्मेदारी है कि भूकंप जैसी गंभीर परिस्थितियों से निपटने की ठोस योजना मौजूद हो।
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वेमो ने सफाई देते हुए कहा कि उसकी टैक्सियां बिना सिग्नल वाले चौराहों पर फोर-वे स्टॉप की तरह चलने के लिए डिज़ाइन की गई हैं, लेकिन बिजली कटौती के दौरान पुष्टि अनुरोधों में अचानक वृद्धि हुई, जिससे प्रतिक्रिया में देरी और यातायात जाम हुआ।
विशेषज्ञों का मानना है कि रिमोट ऑपरेशन यानी मानव हस्तक्षेप की सीमाएं इस घटना में उजागर हुई हैं। कैलिफोर्निया के मोटर वाहन विभाग (DMV) और पब्लिक यूटिलिटीज़ कमीशन ने कहा है कि वे इस मामले की जांच कर रहे हैं और आपात स्थितियों के लिए नए नियमों पर काम कर रहे हैं।
वर्तमान में वेमो के पास 2,500 से अधिक वाहनों का बेड़ा है और यह सैन फ्रांसिस्को बे एरिया, लॉस एंजेलिस, मेट्रो फीनिक्स, ऑस्टिन और अटलांटा में सेवाएं दे रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े पैमाने पर सेवाएं देने वाली कंपनियों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा और अनुमति शर्तें अनिवार्य होनी चाहिए।
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