दिल्ली हाई कोर्ट ने अभिनेता ऋतिक रोशन के व्यक्तित्व अधिकारों (Personality Rights) की रक्षा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद आपत्तिजनक पोस्ट और सामग्री हटाने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति की पहचान, छवि या नाम का अनुचित उपयोग उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
न्यायमूर्ति मनीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि अदालत फिलहाल एकतरफा (ex-parte) आदेश पारित नहीं करेगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनने के बाद ही अंतिम निर्णय दिया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अदालत केवल उन्हीं पोस्टों को हटाने के निर्देश दे रही है जो ऋतिक रोशन की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं या भ्रामक दावे प्रस्तुत करते हैं।
ऋतिक रोशन ने अदालत से गुहार लगाई थी कि सोशल मीडिया पर उनके नाम और तस्वीरों का गैर-प्राधिकृत व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान हो रहा है। उनके वकीलों ने दलील दी कि कुछ फैन पेज और अकाउंट्स अभिनेता के नाम का इस्तेमाल कर भ्रामक सामग्री और उत्पादों का प्रचार कर रहे हैं।
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अदालत ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए कहा कि मशहूर हस्तियों के पब्लिसिटी और प्राइवेसी अधिकारों की सुरक्षा आवश्यक है। साथ ही, अदालत ने सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे उन अकाउंट्स की पहचान करें जो गलत जानकारी फैला रहे हैं।
यह आदेश भारतीय न्यायपालिका द्वारा डिजिटल युग में व्यक्तित्व और बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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