बॉलीवुड में ब्यूटी सर्जरी और कॉस्मेटिक प्रोसीजर्स को लेकर खुलकर चर्चा करना आज भी एक टेबू रहा है – लेकिन खूशी कपूर ने इस खामोशी को तोड़ना ही ठीक समझा। नादानियां की एक्ट्रेस ने हाल ही में इंडस्ट्री की अपेक्षाओं और इंटरनेट पर फॉलो करने वाले युवाओं पर प्रभाव को ध्यान में रखते हुए साफ-साफ कहा कि सुंदरता में बदलाव कोई शर्म की बात नहीं है।
उन्होंने द टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत में माना कि उन्होंने अपने लुक्स बदले हैं, जैसे कि नाक की सर्जरी और लिप फिलर्स, लेकिन यह कई सारे काम कराने जैसा नहीं है जैसा कुछ लोग मानते हैं । उन्होंने स्पष्ट किया कि वे दूसरों को धोखा नहीं देना चाहतीं, क्योंकि बहुत से "impressionable youngsters" उन्हें सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं खूशी कहती हैं, चाहे सुंदरता में बदलाव न किया जाए या किया जाए—लोग हमेशा कुछ-न-कुछ कहेंगे। इसलिए उन्होंने जीवन वैसे ही जीने का निर्णय लिया जैसा वह चाहती हैं। ऐसा खुलकर कहना उन्होंने इसलिए भी जरूरी समझा क्योंकि अक्सर सिलेब्रिटी "plastic" शब्द से बचने की कोशिश करते हैं, जबकि खूशी का मानना है कि यह कोई अपमान नहीं है, बल्कि रीयलिटी का हिस्सा है ।इस दौर में जहाँ अंजान राह चलते लोग असीमित ब्यूटी स्टैंडर्ड्स को थोपते हैं, खशू का यह ईमानदार रुख एक स्वस्थ संवाद को जन्म देता है। उनके अनुभव ने साबित किया है कि काम वाले लोग भी ऐसा सोचते हैं—और उनकी चुप्पी का असर बड़े पैमाने पर गलत संदेश दे सकता था।
इस बिंदु पर ग्लोबल और बॉलीवुड में कॉस्मेटिक सर्जरी को लेकर चर्चाएँ तीव्र हैं। प्रियांका चोपड़ा ने अपनी एक बॉटched नोज सर्जरी का अनुभव सार्वजनिक किया, जबकि शिल्पा शेट्टी से Shruti Haasan तक ने अपनी खुद की प्रक्रियाओं को स्वीकार किया है । वहीं, शत्रुघ्न सिन्हा जैसे वरिष्ठ कलाकार ने कभी चेहरे की सर्जरी करने की सोची थी, लेकिन देव आनंद ने उन्हें रोक दिया क्योंकि उनकी अनूठी पहचान वही थी ।
बीच में, शेफाली जरिवाला की अचानक मृत्यु ने कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों की चिंता फिर से बढ़ा दी है। उनके कार्डियक अटैक की वजह एक एंटी-एजिंग इंजेक्शन और सप्लीमेंट्स हो सकती हैं–जिसे बिना उचित निगरानी के लिया गया था। इसके बाद Mallika Sherawat ने Instagram पर "No to Botox, yes to life" कैंपेन चलाया है—जिसमें उन्होंने प्राकृतिक सुंदरता और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया है ।
इससे स्पष्ट होता है कि सुंदरता की लड़ाई में पारदर्शिता और इमानदारी कितनी महत्वपूर्ण है। खूशी कपूर की स्थिति इस डायवर्सिटी और आत्म‑स्वीकृति को बढ़ावा देती है: आप जैसा चाहो, वैसा रहो—पर झूठ मत बोलो।