नेपाल सरकार द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, देश के जेलों से कुल 5,000 से अधिक नेपाली नागरिक फरार हैं, जो विभिन्न अपराधों में दोषी ठहराए जा चुके थे। इन फरार कैदियों में 540 भारतीय नागरिक भी शामिल हैं, जबकि 108 अन्य विदेशी नागरिक भी नेपाल के जेलों से भागे हुए बताए गए हैं। यह घटना विशेष रूप से “जनरेशन ज़ी” विरोध प्रदर्शनों के बाद के समय से जुड़ी मानी जा रही है, जब देशभर में कानून व्यवस्था पर गहरा असर पड़ा था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 के अंत में हुए छात्र और युवा आंदोलनों के दौरान जेल सुरक्षा व्यवस्था कमजोर पड़ गई थी। कई कैदी इस अफरातफरी का फायदा उठाकर फरार होने में सफल रहे। नेपाल के गृह मंत्रालय ने बताया कि फरार कैदियों की तलाश के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की भी मदद ली जा रही है।
नेपाल में भारतीय दूतावास ने इस मामले पर चिंता व्यक्त की है और नेपाल सरकार से आग्रह किया है कि फरार भारतीय नागरिकों की जानकारी साझा की जाए और उनकी गिरफ्तारी में सहयोग दिया जाए। अधिकारियों का कहना है कि अधिकतर भारतीय कैदी चोरी, ड्रग्स तस्करी और सीमा पार अपराधों से जुड़े मामलों में सजा काट रहे थे।
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नेपाल पुलिस ने इंटरपोल के माध्यम से अलर्ट जारी किया है ताकि फरार कैदियों का पता लगाया जा सके। विशेषज्ञों के अनुसार, यह मामला नेपाल के जेल प्रणाली की कमजोरियों को उजागर करता है और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देता है।
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