इज़राइल और हमास के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। दोनों पक्षों ने युद्धविराम समझौते के तहत बंदियों और कैदियों की अदला-बदली पर सहमति जताई है। यह प्रक्रिया आने वाले कुछ दिनों में शुरू होने की संभावना है। समझौते के अनुसार, हमास उन इजराइली नागरिकों और सैनिकों को रिहा करेगा जिन्हें उसने गाज़ा संघर्ष के दौरान बंधक बना लिया था, जबकि इज़राइल अपने जेलों में बंद कई फ़िलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
इस ऐतिहासिक घटनाक्रम के बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक निर्णायक शांति यात्रा की शुरुआत की है। वे इज़राइल और मिस्र का दौरा कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य इजराइल-फ़िलिस्तीन के बीच स्थायी शांति की नींव रखना है। यात्रा पर रवाना होते समय ट्रंप ने कहा, “युद्ध समाप्त हो गया है।” उन्होंने इसे मध्य पूर्व में “नए युग की शुरुआत” बताया।
विश्लेषकों का मानना है कि इस संघर्षविराम के बाद अगर दोनों पक्ष शांति के प्रति प्रतिबद्ध रहे, तो यह क्षेत्र में दशकों से जारी हिंसा को रोकने की दिशा में बड़ी सफलता साबित हो सकती है। हालांकि, अभी भी कई चुनौतियाँ मौजूद हैं, जिनमें सीमा सुरक्षा, मानवीय सहायता और राजनीतिक विश्वास बहाली प्रमुख हैं।
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संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने इस कदम का स्वागत करते हुए इसे “शांति के लिए ऐतिहासिक अवसर” बताया है। अब वैश्विक समुदाय की निगाहें इस पर टिकी हैं कि यह समझौता कितने समय तक टिकता है और क्या वास्तव में गाज़ा में स्थायी शांति संभव हो पाएगी।
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