डिजिटल मीडिया उद्योग पहले से ही आर्थिक चुनौतियों और घटते विज्ञापन राजस्व से जूझ रहा है, ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सर्च तकनीक इस संकट को और गहरा कर रही है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, जब सर्च परिणामों में एआई-जनित सारांश उपलब्ध होते हैं, तो उपयोगकर्ता पारंपरिक सर्च की तुलना में सुझाए गए लिंक पर आधी बार ही क्लिक करते हैं।
इस बदलाव का सीधा असर समाचार वेबसाइटों, डिजिटल पब्लिशर्स और स्वतंत्र मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पड़ रहा है। जहां पहले उपयोगकर्ता किसी विषय पर अधिक जानकारी के लिए विभिन्न समाचार लिंक पर क्लिक करते थे, अब वे सीधे एआई द्वारा तैयार किए गए संक्षिप्त उत्तर से ही संतुष्ट हो जाते हैं। इससे इन वेबसाइटों पर ट्रैफिक और विज्ञापन आय में भारी कमी आ रही है।
मीडिया विशेषज्ञों का कहना है कि यह ट्रेंड पत्रकारिता के लिए खतरा बन सकता है। यदि समाचार पोर्टलों तक पहुंच घटती रही, तो समाचार संगठनों के लिए गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग करना और पेशेवर पत्रकारों को बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा।
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तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि एआई सर्च इंजन भविष्य में और अधिक शक्तिशाली होंगे, जिससे उपयोगकर्ताओं का बाहरी लिंक पर क्लिक करने का रुझान और कम हो सकता है। कई पब्लिशर्स अब एआई कंपनियों से अपने कंटेंट के उपयोग के लिए उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
यह स्थिति डिजिटल समाचार पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है और विशेषज्ञ इसे संतुलित करने के लिए नई नीतियों और तकनीकी समाधान खोजने की सलाह दे रहे हैं।
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