महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजीत पवार ने पार्टी के मंत्रियों और पदाधिकारियों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि यदि पार्टी का काम उनकी प्राथमिकता नहीं है तो उन्हें अपनी कुर्सी खाली कर देनी चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि पार्टी और जनता के बीच तालमेल बनाए रखना हर मंत्री की जिम्मेदारी है और इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अजीत पवार ने विशेष रूप से उन मंत्रियों पर जोर दिया जिन्हें किसी जिले का संरक्षक मंत्री बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इन मंत्रियों को नियमित रूप से अपने-अपने जिलों का दौरा करना होगा और वहां जनता से संवाद करना होगा। इस दौरान उन्हें स्थानीय पार्टी नेतृत्व को भी साथ लेकर चलना चाहिए ताकि संगठन और सरकार के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सके।
उन्होंने आगे कहा कि जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनना और उन्हें हल करने की दिशा में ठोस कदम उठाना ही एक मंत्री की असली पहचान है। केवल पद पर बैठे रहना या दिखावटी दौरे करना पर्याप्त नहीं है।
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अजीत पवार के इस सख्त रुख को पार्टी के भीतर अनुशासन कायम करने और कार्यकर्ताओं को सक्रिय बनाए रखने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों का मानना है कि आगामी चुनावी माहौल को देखते हुए पवार नहीं चाहते कि पार्टी की छवि जनता के बीच कमजोर हो।
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