अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति के छोटे भाई हमूद अहमद सिद्दीकी को मध्य प्रदेश पुलिस ने 25 साल पुराने धोखाधड़ी के मामलों में हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। अधिकारी के अनुसार, उनकी गिरफ्तारी पर ₹10,000 का इनाम घोषित किया गया था। हमूद (50) फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति जव्वाद अहमद सिद्दीकी के भाई हैं, हालांकि कुलाधिपति का इन मामलों से कोई संबंध नहीं है।
पुलिस के अनुसार, हमूद पर 2000 में महू (MP) के लोगों से लगभग ₹40 लाख निवेश के नाम पर ठगने का आरोप था। वह लोगों को 20% ब्याज देने का लालच देकर पैसे लेते थे और दो वर्षों तक कंपनी चलाने के बाद पूरे परिवार के साथ फरार हो गए थे। 25 साल पुराने इन तीन मामलों में IPC की धारा 420 और अन्य प्रावधानों के तहत केस दर्ज थे। इसके अलावा 1988 और 1989 में दंगा और हत्या के प्रयास के दो मामले भी दर्ज थे।
एसपी यंगचेन डोलकर भूटिया ने बताया कि विशेष अभियान के तहत चार सदस्यीय टीम ने उन्हें हैदराबाद से गिरफ्तार किया। वर्तमान में वे हैदराबाद में शेयर बाजार निवेश से जुड़ी एक निजी कंपनी चलाते थे। 1995 के आसपास महू में उन्होंने अपनी निवेश कंपनी में पत्नी और एक परिचित को भी निदेशक बनाया था।
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महू के एसडीओपी के अनुसार, हमूद ने एक फर्जी निजी बैंक बनाकर सैकड़ों लोगों को दोगुना पैसा लौटाने का झांसा दिया था और घोटाला सामने आने पर परिवार समेत गायब हो गए। हाल ही में पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति के बैकग्राउंड की जांच शुरू की, जिसके दौरान यह पुराना मामला फिर सामने आया।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी इन दिनों 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए धमाके की जांच के घेरे में है। धमाके का मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी इसी यूनिवर्सिटी का छात्र रहा है। दिल्ली पुलिस ने यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति को भी फर्जी दस्तावेज़, धोखाधड़ी और आतंकी मॉड्यूल की जांच के संदर्भ में समन जारी किए हैं। कई संदिग्धों का इस यूनिवर्सिटी से जुड़ाव मिलने के बाद संस्थान के रिकॉर्ड और लेन-देन खंगाले जा रहे हैं।
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