बांग्लादेश में हालात उस समय और तनावपूर्ण हो गए जब जुलाई विद्रोह के प्रमुख छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत की आधिकारिक पुष्टि की गई और उनका पार्थिव शरीर ढाका पहुंचा। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार रात (18 दिसंबर 2025) टेलीविजन संबोधन में हादी की मौत की जानकारी दी, जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन, हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं।
शरीफ उस्मान हादी को पिछले सप्ताह गोली मार दी गई थी और उन्हें गंभीर हालत में सिंगापुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छह दिनों तक जीवन के लिए संघर्ष करने के बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मोहम्मद यूनुस ने अपने संबोधन में हादी के हत्यारों को जल्द पकड़ने और सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
हादी की मौत की खबर फैलते ही ढाका विश्वविद्यालय परिसर के पास शाहबाग चौराहे पर सैकड़ों छात्र और नागरिक जमा हो गए और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। धीरे-धीरे यह प्रदर्शन उग्र हो गया और हजारों लोग सड़कों पर उतर आए।
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अधिकारियों के अनुसार, राजधानी ढाका में कई इमारतों में आग लगा दी गई, जिनमें देश के दो प्रमुख अखबारों के कार्यालय भी शामिल हैं। इन इमारतों में काम कर रहे कई कर्मचारी अंदर फंसे होने की भी खबर है। स्थिति को काबू में करने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
इस बीच, अंतरिम सरकार ने लोगों से शांति बनाए रखने और हर तरह की “भीड़ हिंसा” का विरोध करने की अपील की है। सरकार का कहना है कि कानून को हाथ में लेने से हालात और बिगड़ सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने भी हादी की हत्या पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने शुक्रवार (19 दिसंबर 2025) को एक बयान जारी कर बांग्लादेशी अधिकारियों से निष्पक्ष, त्वरित और पारदर्शी जांच कराने की मांग की और दोषियों को कानून के दायरे में लाने पर जोर दिया।
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