कर्नाटक के चित्तपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के रूट मार्च की अनुमति रद्द किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। भाजपा ने इसे संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि “संविधान के नाम पर ही लोगों के संवैधानिक अधिकार छीने जा रहे हैं।” उन्होंने आगे लिखा कि यह निर्णय संघ और राष्ट्रभक्त नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है।
विजयेंद्र ने कांग्रेस सरकार पर राजनीतिक द्वेष से प्रेरित होकर निर्णय लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार बार-बार आरएसएस और भाजपा से जुड़े कार्यक्रमों को निशाना बना रही है, जबकि अन्य संगठनों को इसी तरह की गतिविधियों के लिए अनुमति दी जा रही है।
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गौरतलब है कि हाल ही में चित्तपुर के तहसीलदार ने आरएसएस के रूट मार्च की अनुमति यह कहते हुए रद्द कर दी थी कि दो दलित संगठनों — भीम आर्मी और दलित पैंथर्स — ने भी उसी मार्ग पर जुलूस निकालने की अनुमति मांगी थी। प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए किसी भी टकराव से बचने के लिए दोनों आयोजनों को रोक दिया था।
भाजपा ने इसे “संविधान विरोधी कदम” बताते हुए कहा कि यह संघ की शांतिपूर्ण गतिविधियों को रोकने का प्रयास है। पार्टी ने राज्य सरकार से निर्णय वापस लेने की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया जाएगा।
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