बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव के परिवारिक विवाद को लेकर बीजेपी ने तीखा हमला बोला है। हाल ही में आरजेडी प्रमुख की बेटी रोहिणी आचार्य के खुलासों के बाद पार्टी ने यादव परिवार पर “पितृसत्तात्मक, महिला-विरोधी और पुरुष-प्रधान मानसिकता” का आरोप लगाया है। बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि “जो लोग अपना परिवार नहीं संभाल पा रहे, वे बिहार चलाने का सपना देख रहे थे।”
रोहिणी आचार्य, जो तेजस्वी यादव की बड़ी बहन हैं, ने राजनीति छोड़ने की घोषणा करते हुए दावा किया कि पार्टी की हार के लिए उन्हें दोषी ठहराया गया। उन्होंने वरिष्ठ आरजेडी नेता संजय यादव और तेजस्वी के करीबी रमेज़ खान पर आरोप लगाया कि उन्हें अपमानित किया गया, यहां तक कि चप्पल दिखाने तक की नौबत आई। रोहिणी ने यह भी कहा कि उन पर यह तक आरोप लगाया गया कि उन्होंने “गंदा किडनी” देकर टिकट लिया, जबकि उन्होंने 2022 में अपने पिता लालू यादव को किडनी दान की थी।
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे यादव परिवार की “महिला विरोधी मानसिकता” बताया। उन्होंने कहा, “रोहिणी ने अपने पिता के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर किडनी दान की, लेकिन लालू ने अपनी बेटी की इज्जत से ज्यादा अपने बेटे तेजस्वी को महत्व दिया। आज वह खुद बता रही हैं कि परिवार में चप्पलों से पीटा गया। यही है उनकी असली मानसिकता।”
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उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने भी कहा कि जो परिवार को नहीं संभाल सकते, वे बिहार कैसे संभालेंगे। उन्होंने कहा कि आरजेडी में दिखने वाली अराजकता परिवार के भीतर भी दिखाई देती है।
भाजपा सांसद और भोजपुरी कलाकार मनोज तिवारी ने कहा कि रोहिणी के आरोप ‘जंगल राज’ की मानसिकता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि “जो लोग बिहार चलाने का सपना देखते हैं, वे अपना घर भी नहीं चला पा रहे।”
वहीं, केंद्रीय मंत्री और एनडीए सहयोगी चिराग पासवान ने विवाद पर टिप्पणी से परहेज करते हुए कहा कि वह लालू परिवार को अपना मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि विवाद जल्द सुलझ जाएगा।
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