कंबोडिया ने थाईलैंड से संघर्षविराम की अपील की है, क्योंकि दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद ने एक बार फिर उग्र रूप ले लिया है। 24 जुलाई को दोनों देशों के बीच हिंसक झड़पें हुईं जिनमें लड़ाकू विमान, तोपखाने, टैंक और जमीनी सैनिकों का इस्तेमाल हुआ। इस हिंसा में कई सैनिकों और नागरिकों की जानें गई हैं, जिससे क्षेत्र में भारी तनाव फैल गया है।
यह संघर्ष कंबोडिया-थाईलैंड सीमा पर स्थित विवादित क्षेत्र को लेकर हुआ, जो ऐतिहासिक और रणनीतिक दृष्टि से दोनों देशों के लिए बेहद संवेदनशील है। कंबोडिया सरकार ने तुरंत संघर्षविराम की मांग की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने की अपील की।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 25 जुलाई को इस संकट पर चर्चा के लिए आपात बैठक बुलाई। बैठक में क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हिंसा को रोकने के उपायों पर विचार किया गया।
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संघर्षविराम की अपील के बावजूद सीमा पर तनाव बरकरार है और दोनों सेनाओं के बीच टकराव की आशंका बनी हुई है।
यह सीमा विवाद पहले भी कई बार संघर्ष का कारण बन चुका है, लेकिन इस बार हिंसा का पैमाना अधिक व्यापक और खतरनाक है।
राजनयिक विशेषज्ञों का मानना है कि केवल शांतिपूर्ण बातचीत और मध्यस्थता से ही इस लंबे विवाद का समाधान संभव है।
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