बांग्लादेश के सिलहट शहर में भारतीय सहायक उच्चायोग कार्यालय और वीज़ा आवेदन केंद्र की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। यह कदम प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बढ़े तनाव और विरोध प्रदर्शनों के मद्देनज़र उठाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने और हालात का गलत फायदा उठाने से “किसी तीसरे पक्ष” को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई है।
सिलहट मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त (मीडिया) सैफुल इस्लाम के हवाले से ढाका ट्रिब्यून ने शनिवार (20 दिसंबर 2025) को बताया कि सुरक्षा उपाय इसलिए बढ़ाए गए हैं ताकि स्थिति का दुरुपयोग न हो सके। पुलिस के अनुसार, शुक्रवार सुबह से उपशहर इलाके में स्थित भारतीय सहायक उच्चायोग कार्यालय, उसी क्षेत्र में सहायक उच्चायुक्त के आवास और शोभानीघाट इलाके के वीज़ा आवेदन केंद्र पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
गौरतलब है कि इंक़िलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की गुरुवार को हुई मौत के बाद गानो ओधिकार परिषद ने भारतीय सहायक उच्चायोग कार्यालय का घेराव करने का कार्यक्रम घोषित किया था। रिपोर्ट के अनुसार, इंक़िलाब मंच ने सिलहट सेंट्रल शहीद मीनार के सामने धरना दिया और हादी की हत्या के विरोध में प्रदर्शन करते हुए भारत के कथित प्रभाव के खिलाफ नारे लगाए।
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हादी पिछले वर्ष हुए छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलनों के प्रमुख चेहरा थे, जिनके चलते प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। वह 12 फरवरी को होने वाले आम चुनावों के उम्मीदवार भी थे। 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान नकाबपोश हमलावरों ने उनके सिर में गोली मार दी थी। इलाज के दौरान गुरुवार को सिंगापुर में उनकी मौत हो गई।
हादी की मौत के बाद देशभर में हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं, जिनमें चट्टोग्राम में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर पथराव भी शामिल है। शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच हादी को ढाका विश्वविद्यालय मस्जिद के पास राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के समीप दफनाया गया। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और इस दौरान भारत विरोधी नारे भी लगाए गए। इसके तुरंत बाद इंक़िलाब मंच ने अंतरिम सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए हत्यारों की गिरफ्तारी में “ठोस प्रगति” की मांग की।
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