मुख्य न्यायाधीश (CJI) डॉ. दुराईस्वामी गवाई ने जजों के आचरण को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि न्यायपालिका में बैठे अधिकारियों को अपनी विशाल शक्ति का प्रयोग हमेशा विनम्रता और जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए।
CJI गवाई ने कहा कि कुछ जजों के व्यवहार से बार में असंतोष पैदा हो रहा है। उन्होंने न्यायाधीशों और वकीलों के बीच सहयोग और सम्मानजनक व्यवहार को अनिवार्य बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि न्यायपालिका का हर सदस्य और वकील बराबरी के दृष्टिकोण से कार्य करे, क्योंकि कोई भी उच्चतर या नीच नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि न्यायालय में बैठने वाले अधिकारियों का आचरण सीधे जनता के न्याय और विश्वास को प्रभावित करता है। इसलिए, जजों को हमेशा अपने निर्णय और शब्दों में सावधानी रखनी चाहिए और अपने पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए।
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उन्होंने न्यायपालिका और वकीलों के बीच साझा जिम्मेदारी और समझ को भी महत्व दिया। गवाई ने बताया कि न्याय व्यवस्था तभी मजबूत होगी जब न्यायाधीश और वकील एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सहयोग दिखाएंगे।
विशेष रूप से, CJI ने कहा कि न्यायपालिका में शक्ति का दुरुपयोग या अहंकार न्यायिक प्रणाली की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचा सकता है। इसलिए न्यायाधीशों को न केवल अपने अधिकारों का सही प्रयोग करना चाहिए, बल्कि पेशेवर नैतिकता और नैतिक जिम्मेदारी का भी पालन करना चाहिए।
विश्लेषकों का मानना है कि CJI गवाई का यह बयान न्यायपालिका की पारदर्शिता और जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
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