केरल में एक गोपनीय पत्र लीक विवाद ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। इस पत्र को लेकर आरोप लगाया जा रहा है कि इसमें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से जुड़े कथित वित्तीय संबंधों का जिक्र है।
इस पूरे मामले पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI(M)) ने साफ संकेत दिया है कि वह कांग्रेस और भाजपा द्वारा चलाए जा रहे कथित ‘दुष्प्रचार अभियान’ का मजबूती से सामना करेगी। पार्टी का कहना है कि यह विवाद महज राजनीतिक साजिश है, जिसका उद्देश्य CPI(M) की छवि को धूमिल करना है।
CPI(M) के केरल राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन ने इस पत्र की प्रामाणिकता या इसकी पॉलिट ब्यूरो तक पहुंच को लेकर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार किया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “बेतुके सवालों का कोई जवाब देने की जरूरत नहीं है।”
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पार्टी के सूत्रों का कहना है कि CPI(M) जल्द ही इस पूरे मामले पर रणनीति तैयार कर रही है, ताकि विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम का तथ्यात्मक जवाब दिया जा सके। पार्टी मानती है कि यह विवाद चुनावी माहौल को प्रभावित करने और मतदाताओं को गुमराह करने के उद्देश्य से खड़ा किया गया है।
इस बीच, कांग्रेस और भाजपा ने CPI(M) नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि जनता के सामने सच्चाई आनी चाहिए।
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