दिल्ली विधानसभा का चार दिवसीय सत्र 5 जनवरी से फिर से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र में राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण संकट पर विस्तृत चर्चा के साथ-साथ नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की तीन अहम रिपोर्टों की समीक्षा की जाएगी। यह जानकारी कला, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने मंगलवार (30 दिसंबर 2025) को दी।
मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि सरकार प्रदूषण से जुड़ा एक प्रस्ताव विधानसभा में पेश करेगी। इसके साथ ही तीन CAG रिपोर्टें भी सदन के पटल पर रखी जाएंगी। इनमें एक रिपोर्ट कथित ‘शीशमहल’ में भ्रष्टाचार से जुड़ी है, दूसरी दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के कामकाज पर और तीसरी दिल्ली सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों के संचालन से संबंधित है।
‘शीशमहल’ शब्द का इस्तेमाल भाजपा द्वारा पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित आवास की कथित भव्यता को लेकर किया गया है। कपिल मिश्रा ने The Indian Witness में कहा कि DJB की कार्यप्रणाली पर 2022 तक की एक विस्तृत रिपोर्ट है, जिसमें उन तमाम अनियमितताओं का जिक्र है, जिनकी वजह से शहर की सीवरेज व्यवस्था चरमरा गई।
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उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार के अधीन विश्वविद्यालयों में हुई अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर CAG की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। इसमें वर्ष 2023 तक विश्वविद्यालयों के संचालन में हुई कथित गड़बड़ियों को उजागर किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि विधानसभा सत्र में प्रदूषण की पुरानी और जटिल समस्या की जड़ तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी। इसमें यह भी चर्चा होगी कि पिछली सरकारों ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए थे और सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामों की वर्तमान स्थिति क्या है।
कपिल मिश्रा ने विपक्ष से भी वायु प्रदूषण से निपटने के उपायों पर सुझाव मांगे। उन्होंने हाल ही में एक रजिस्ट्रार और तहसीलदार के निलंबन का जिक्र करते हुए कहा कि नई सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति है और किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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