दिल्ली का एक ऐतिहासिक पेट्रोल पंप आज भी इस बात का गवाह है कि समय के साथ कैसे पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें आसमान छू गईं। यह पंप, जो करीब एक सदी पुराना है, उस दौर से चल रहा है जब पेट्रोल सिर्फ 10 पैसे प्रति लीटर और डीज़ल 5 पैसे प्रति लीटर में बेचा जाता था। राजधानी की बदलती सड़कों, वाहनों और अर्थव्यवस्था के साथ इस पंप ने भारत की ऊर्जा यात्रा के कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।
1920 के दशक में स्थापित यह पेट्रोल पंप उस समय ब्रिटिश शासन के दौरान दिल्ली में ईंधन वितरण का केंद्र हुआ करता था। शुरुआती वर्षों में यहां सिर्फ हाथ से चलने वाले पंपों से तेल निकाला जाता था, और वाहनों की संख्या भी बहुत कम थी। स्वतंत्रता के बाद जब दिल्ली ने औद्योगिक और शहरी विकास की रफ्तार पकड़ी, तब इसी पंप से राजधानी के शुरुआती बसों, टैक्सियों और निजी वाहनों को ईंधन मिलता था।
समय के साथ तकनीक बदली, पंपों का स्वरूप आधुनिक हुआ और दाम भी तेजी से बढ़े। आज पेट्रोल की कीमत 95 रुपये से अधिक है, लेकिन इस पंप का इतिहास लोगों को याद दिलाता है कि कभी ईंधन की कीमतें एक रुपये से भी कम थी।
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पंप मालिकों का कहना है कि उन्होंने न केवल मूल्य परिवर्तन बल्कि उपभोक्ताओं के व्यवहार और वाहनों की तकनीकी उन्नति को भी करीब से देखा है। उनके अनुसार, यह सिर्फ एक ईंधन केंद्र नहीं, बल्कि दिल्ली की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का साक्षी स्थल है।
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